समाज में एक भ्रम फैलाया गया है कि संस्कृत पढ़ने से छात्र अर्थार्जन नहीं कर सकता | उसे केवल शिक्षक बनना पड़ता है या पुरोहित | मेरा इसप्रकार की धारणा रखनेवालों से प्रश्न है कि जो संस्कृतेतर छात्र B.A., B.Com, B.Sc. होते है उनके लिए कौनसी नौकरी बाट जोह रही है ?
हमारे देश में स्नातक उपाधी को आधारभूत उपाधी माना जाता है | उसकी प्राप्ति के पश्चात् आप प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर नौकरी पा सकते है | जो संस्कृत विषय लेकर स्नातक बनते है उनके लिए किस प्रतियोगी परीक्षा का द्वार बंद है ? उत्तर आयेगा किसीका नहीं | स्नात ...........