काशते प्रकाशते इति काशी - यह काशी की व्याख्या है | यह नगरी स्वयं प्रकाशित है | जहां महादेव विराजमान है पुण्यसलिला गंगा नदी जिसके तट का स्पर्श करने के लिए बहती है ज्ञान की अविरल साधना जहां चलती रहती है, वेद और शास्त्रों के पठनपाठन की जहां दीर्घ एवं प्राचीन परंपरा चली आ रही है, जहां की धर्मसभा का निर्णय पूर्व में सर्वमान्य था उस काशी में संस्कृतभारती की सशक्त उपस्थिति अनिवार्य है।
माँ अन्नपूर्णा का काशी में वास है इस कारण वहा कोई भूखा नहीं सोता |
काशी का संगीत घराना भी जगतविख्यात है जिसके प्रतिनिधि वर्तमान में राजन साजन मिश्र है |
बनारस की रेशम की साड़ी प्रसिद्ध है |
शिवरात्रि को बनारस में शिवपार्वती का विवाह होता है | शिवजी की बारात देखने लायक होती है। उस दिन का प्रसाद ठंडाई और भांग है|
गंगा के तट पर प्रतिदिन आरती होती है, जिसको देखकर पूरा शरीर रोमांचित हो उठता है |
संस्कृतभारती का कार्यालय कबीर नगर में दुर्गाकुंड के पास है |
संस्कृतभारती का एक प्रकल्प संवादशाला के नाम से काशी में चलता है। इस १४ दिन के वर्ग का पंजीयन जालपुट (Website) के माध्यम से होता है | हर माह के प्रथम दिनांक से आरम्भ होने वाले इस आवासीय वर्ग की समाप्ती १४ दिनांक को होती है | फिर उसी मास के १६ से २९ तक दूसरा वर्ग चलता है | ऐसे हर माह के दो वर्ग चलते हैं| पूरे वर्षभर मिलाकर २४ वर्ग होते हैं | देश विदेश से लोग सम्भाषण पढ़ने के लिए यहाँ आते हैं | आइये आप भी संस्कृत बोलना सीखिये केवल १४ दिन में ।
S.L | Date from - to |
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Contact |
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1 | 05-Mar-2018 to 15-Mar-2018 | 12:00 AM | samskrita deportment Allahabad university Allahabad | 9454616041 |